| 1. | इटीन चाविन की सन् 17113 में प्रकाशित महान् कृति “कार्टेजिनयन” दर्शन का शब्दकोश है।
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| 2. | इटीन चाविन की सन् 17113 में प्रकाशित महान् कृति “कार्टेजिनयन” दर्शन का शब्दकोश है।
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| 3. | इटीन चाविन की सन् 17113 में प्रकाशित महान् कृति “ कार्टेजिनयन ” दर्शन का शब्दकोश है।
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| 4. | दांते अलीमिएरी (1265-1321) ने इसी नवीन शैली में, तोस्काना की बोली में, अपनी महान् कृति “दिवीना कोमेदिया” लिखी।
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| 5. | दांते अलीमिएरी (1265-1321) ने इसी नवीन शैली में, तोस्काना की बोली में, अपनी महान् कृति “दिवीना कोमेदिया” लिखी।
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| 6. | दांते अलीमिएरी (1265-1321) ने इसी नवीन शैली में, तोस्काना की बोली में, अपनी महान् कृति “दिवीना कोमेदिया” लिखी।
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| 7. | अपनी महान् कृति ÷बृहत्संहिता ' में भी रत्नों का विशद वर्णन किया है वे रत्नपरीक्षाध्याय में लिखते हैं:
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| 8. | अपनी महान् कृति फ़ पैराडाइज़ लॉस्टफ़ में उसने अंग्रेजी कविता को होमर, वर्जिल और दांते का उदात्त स्वर दिया।
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| 9. | इसीलिये गोवर्धनाचार्य ने बड्डकहा को व्यास और वाल्मीकि की कृतियों के पश्चात् तीसरी महान् कृति मानकर गुणाढ्य को व्यास का अवतार कहा है।
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| 10. | दांते अलीमिएरी (1265-1321) ने इसी नवीन शैली में, तोस्काना की बोली में, अपनी महान् कृति “ दिवीना कोमेदिया ” लिखी।
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